22 अभक्ष्य पदार्थ – पार्ट 10 Recipe by Jain Rasoi 332 days ago

22 अभक्ष्य पदार्थ - पार्ट 10
    D] चार प्रकार के फल

    10] बहुबीज का त्याग :

    जैनदर्शन ने वनस्पति के प्रत्येक और साधारण जैसे दूसरे दो भेद बताये हैं ।
    1. बहु-बीज
    2. अल्प-बीज

    1. बहुबीज
    - जिन फलों में बीज ठसाठस भरे हो ।
    - जिसमें एक और दूसरे बीज के बीच पड़ न हो ।
    - जिसमें गुदा कम हो और बीज ज्यादा हो ऐसे लक्षण वाले फल बहुबीज कहलाते हैं । उदा. बैंगन, खसखस, राजगिरा, कोठबिडां, पंपोटा आदि

    2. अल्पबीज
    जो फलों में एक बीज के बाद एक परदा हो फिर बीज हो । इसतरह बीच-बीच में आंतरछाल की व्यवस्था हो अथवा बीज के ऊपर पतली छाल की परत हो उसे बहुबीज नहीं कहते। उदा. ककड़ी, जिसमें हरेक बीज के बीच पतली परत होती है । खरबूजा, पपीता के बीज चारों तरफ से पतली झिल्ली से कोटेड़ होते है ।
    बहुबीज के अंदर परत नहीं होने के कारण अन्दर जीव पडना संभव है । बहुबीजवाले फल खूब पित्त करनेवाले होने से आरोग्य को भी हानि पहुँचाते है । इसलिये समझकर श्रावकों को ऐसे पदार्थो का त्याग कर देना चाहिये ।
Source : Research of Dining Table by Acharya Hemratna Suriji

 

Leave a reply

One click login with:

 

Your email address will not be published.

Share


    Print Friendly